Cholesterol हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक वसा हैं जिसका निर्माण प्राकृतिक रूप से यकृत करता हैं।जब इसका निर्माण आधिक होने लगता है तो यह नसों में जमना शुरू हो जाता हैं और नसों को ब्लॉक कर देता हैं  

हमारे शरीर मे दो तरह के cholesterol होते है ;पहला- HDL(High Density Lipoproteins) और दूसरा- LDL(Low Density Lipoproteins)

High Cholesterol का कोई खास लक्षण नही होता हैं। इसके कुछ समान्य लक्षण होते हैं -  पैरों में सूजन और दर्द होना, पैरों का ठंडा होना, सीने में दर्द होना,  हाई ब्लड प्रेशर, पीले चकते इत्यादि।

कोलेस्ट्रॉल लेवल बढने का एक कारण जेनेटिक्स भी होता हैं लेकिन ऐसे कई कारण है जिससे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता हैं जैसे- अधिक तैलीय भोजन करना, अत्यधिक वजन का बढ़ना, फिजिकल एक्टिविटी कम करना या नही करना । 

High Cholesterol Treatment हार्ट डिजीज की संभावना को कम करना होता हैं।  स्टैटिन नामक मेडिसिन, रेगुलर टेस्ट से  High Cholesterol को ठीक  किया जा सकता है। 

हाई कोलेस्ट्रॉल से बचाव के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव  करके इससे आशानी सेन बचा जा सकता है। जियामे आप फिजिकल एक्टिविटी कर सहते है।

Regular test करवाने से हाई कोलेस्ट्रॉल से होने वाले जोखिमों से जीवन को सुरक्षित कर सकती हैं। 20 वर्ष से अधिक व्यक्ति को नियमित रूप से कोलेस्ट्रॉल की टेस्ट करवानी चाहिए।  

High Cholesterol से बचने  के लिए Diet  मे हाई फाइबर फूड्स, ड्राई फ्रूट्स, साबुत अनाज और फ्रूट को शामिल कर सकते है। 

हाई फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है इसलिए, रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट खाने से बचना चाहिए।