थ्री इडियट के किरदार Sonam Wangchuk क्यों कर रहे है Sixth Schedule की मांग
Sonam Wangchuk: सोनम वांगचुक लद्दाख के एक मशहूर इंजीनियर और इनवेंटर हैं। सोनम वांगचुक अपने गृह प्रदेश यानी लद्दाख के पर्यावरण को बचाने के लिए कई दिनों से अनशन पर बैठे हैं। इनकी केंद्र सरकार से कुछ मांगे है। जिनको केंद्र सरकार नजरंदाज कर रही हैं। आपको बता दे की सोनम वांगचुक ‘थ्री इडियट्स’ फिल्म का वो किरदार हैं जिसे बॉलीवुड स्टार आमिर खान ने निभाया था।
इनके किरदार और फिल्म की कहानी को लोगो ने काफी पसंद किया था। ऐसा क्या हुआ की सोनम वांगचुक को अनशन पर बैठना पड़ा। इन्होने ऐसी कौन सी मांगे सरकार से रखी हैं जिन्हे सरकार नजरंदाज कर रही हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं कि सोनम वांगचुक कौन हैं और ये अनशन पर क्यों बैठे हैं और इनकी केंद्र सरकार से ऐसी कौन सी मांगे हैं।
सोनम वांगचुक का अनशन में 17 मार्च को देंगे पूरा देश देगा साथ
जैसे की आप सब जानते हैं की Sonam Wangchuk कई दिनों से अनशन पर बैठे हैं। और लद्दाख का तापमान भी -10 डिग्री से -4 डिग्री तक आ गया हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, कल यानी 17 मार्च को इस पूरे देश के लोग अनशन में लद्दाख का साथ समर्थन करेंगे। स्थानीय संगठनों की तरफ से भी Sonam Wangchuk समर्थन मिला है।
इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने भी इस पूरे मामले में सोनम का समर्थन किया और उनकी हर मांग को सही बताया हैं। दरसअल विपक्षी सरकार तो इस अनशन को लद्दाख की जनता से जोड़कर अपना अपन सियासी दांव खेल रही है। चलिए पहले ये जानते हैं की सोनम वांगचुक कौन हैं और इनकी कोण सी मांगे हैं और इन मांगो से लद्दाख को क्या फायदा होगा।
कौन हैं सोनम वांगचुक: Who is Sonam Wangchuk?
Sonam Wangchuk मैकेनिकल इंजीनियर हैं इसके साथ ही वे लद्दाख) के निदेशक, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स भी हैं। सोनम वांगचुक वही इंसान हैं जिनके ऊपर ‘3 इडियट्स’ फिल्म बनी थी। इस फिल्म का मुख्य किरदार जो आमिर खान ने निभाया था फुनसुख वांगड़ू वो सोनम वांगचुक से ही प्रेरित था।
सोनम वांगचुक काफी मशहूर हैं जिसकी वजय हैं इनके अनूठे स्कूल- स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख। अब इनकी उम्र 56 साल हो गई हैं। इनको प्रतिष्ठित मैगसेसे पुरस्कार से साल 2018 में सम्मानित किया गया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दे Sonam Wangchuk का जो कैंपस हैं वह सौर ऊर्जा पर चलता हैं। ये किसी भी जीवाश्म ईंधन जैसे पेट्रोल, डीजल और कोयले का इस्तेमाल नहीं करते हैं। चाहे खाना पकाना हो, या फिर रोशनी या हीटिंग हो ये सौर ऊर्जा का ही इस्तेमाल करते हैं। इन्होने अपने इस स्कूल को साल 1998 में बनाया था। जिन बच्चो को सिस्टम नामाक करार दे देता हैं ये उन बच्चो को इस स्कूल में ट्रेनिंग देते हैं। इतना ही नहीं सरकारी स्कूलों में सुधार लाने के लिए इन्होने साल 1994 में एक ऑपरेशन न्यू होप चलाया था।
क्या हैं सोनम वांगचुक की मांगे: Ladakh Sixth Schedule
Sonam Wangchuk को लद्दाख के लोगो की मांग हैं कि उनके राज्य को Sixth Schedule यानी संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। चलिए पहले जानते हैं की संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule) क्या हैं? Sixth Schedule के अनुसार, भारत के कुछ राज्यों के भीतर रहने वाले जनजातीय लोगों के अधिकारों की रक्षा का प्रावधान हैं। भारत के असम, मिजोरम, मेघालय, और त्रिपुरा जैसे राज्य Sixth Schedule में आते हैं। अब लद्दाख की भी मांग हैं की उन्हें भी Sixth Schedule में शामिल किया जाए।
Sonam Wangchuk का कहना हैं कि सरकार ने जब जम्मू-कश्मीर से 370 हटाया तब लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश भी बनाया था। और इसके साथ ही सरकार ने लद्दाख को Sixth Schedule डालने का वा भी लद्दाख से किया था। परन्तु शायद किसी दबाव की वजय से सरकार अपना वादा नहीं निभा पा रही हैं।
सोनम वांगचुक सरकार को सही फैसला लेने के लिए कर रहे हैं अनशन
Sonam Wangchuk और उनके साथ अब बाकि लोग अनशन रख रहे हैं। ये लोग 21 दिन की भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। सोनम वांगचुक ने बताया कि सरकार ने लद्दाख को Sixth Schedule संरक्षण का वादा दिया था परनतु सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर पाई और अब तो इलेक्शन भी आने वाले हैं। आगे वांगचुक कहते हैं कि हमारी सरकार से 4 से 5 मीटिंग हुई हैं परन्तु अब हमे लग रहा कि हमारी बात को टाला जा रहा हैं।
आगे उन्होंने बताया की सरकार से पिछली 4 मार्च को मीटिंग हुई ये टॉक्स फ़ैल हुए और सरकार ने लद्दाख को Sixth Schedule संरक्षण देने से मना कर दिया। सरकार ने constitutional safeguards की बात की उसकी जरूरत हमारी समझ नहीं आती हैं। क्योकि हमारे सविधान में बहुत अच्छा और ऐसे समय के लिए पहले से ही एक provision हैं जिसे Sixth Schedule of the Article 242 कहा जाता हैं। सोनम वांगचुक हैं की लद्दाख में लोकतंत्र की सरकार नहीं हैं जिसकी वजय से जनता से कोई नहीं पूछता की उन्हें क्या चाहिए।
सोनम वांगचुक कहते हैं की बड़े बड़े उद्योगपत्ति सरकार पर अपना दबाव बना रही ताकि सरकार लद्दाख को संरक्षण न दे सके। वांगचुक और उसके साथी ये अनशन इसलिए कर रहे हैं ताकि वो उन उद्योगपत्ति और माइंस के लोगो का विरोध कर सके और अपनी आवाज को सरकार तक पंहुचा सके। ताकि सरकार दबाव में आकर गलत फैसला न ले।
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सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोग क्यों कर रहे है Sixth Schedule की मांग
Sonam Wangchuk और लद्दाख के लोगो का कहना हैं कि अगर लद्दाख को Sixth Schedule संरक्षण नहीं दिया गया तो यहां के उद्योगपति और mining lobbies का खेल ऐसे ही चलता रहेगा और जिसका नतीजा विनाश ही होगा। और ये विनाश हम सब हिमांचल से लेकर सिक्किम तक देख ही रहे हैं।
हम नहीं चाहते की हमारे लद्दाख का भी वह हाल हो। सोनम वांगचुक कहते है की हम यहां उद्योगपति और mining lobbies को काम करने से मना नहीं कर रहे परन्तु हमे Sixth Schedule चाहिए और जो भी द्योगपति और mining lobbies कारन कहते हैं वो लद्दाख के लोगो के हाँ करने पर ही क्या जाए। क्योकि ऐसे विकास का कोई फायदा यही जिसका भुगतान और सुधार करने के लिए अगली पीढ़ी को कीमत चुकानी पड़े।