सौतेली बेटी से रेप और गर्भवती करने के आरोपी पिता को 20 साल की जेल, पॉक्सो कोर्ट ने सुनाया फैसला

सौतेली बेटी से रेप और गर्भवती करने के आरोपी पिता को 20 साल की जेल, पॉक्सो कोर्ट ने सुनाया फैसला

नाबालिग बेटी से रेप और गर्भवती करने के मामले में आरोपी सौतेले पिता को पॉक्सो कोर्ट ने सजा सुनाई है। जज ने दोनों पक्षों के गवाहों और बयानों को सुनकर आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास और 15 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह मामला पाली का है और इसका फैसला विशिष्ठ न्यायाधीश सचिन गुप्ता ने सुनाया है।

पॉक्सो कोर्ट संख्या एक पाली के विशिष्ठ लोक अभियोजक संदीप नेहरा ने बताया कि मामला करीब एक साल पुराना है। पहले पति ने सामाजिक स्तर पर तलाक होने पर पाली जिले के सिरियारी थाना क्षेत्र निवासी एक महिला द्वारा समाज में ही दूसरे युवक से नाता विवाह किया और पहले पति से हुई बेटी को भी साथ ले गई। नाबालिग बेटी की माँ और सौतेले पिता दोनों मजदूरी करते थे। लेकिन आरोपी सौतेले पिता की बेटी पर गंदी नीयत थी।

सौतेली बेटी से रेप

एक दिन पत्नी के काम पर जाने पर आरोपी सौतेले पिता ने अपनी नाबालिग बेटी को अकेला पाकर डरा-धमका कर उससे रेप किया और किसी को बताने पर उसको और उसकी मां को जान से मारने की धमकी दी। जिसके कारण नाबालिग बेटी अपने साथ हो रही हैवानियत को अपनी मां से भी नहीं बता सकी। डरा धमकाकर आरोपी सौतेले पिता ने 2-3 महीने में नाबालिग बेटी से कई बार दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई।

सौतेले पिता द्वारा बार बार रेप करने से नाबालिग बेटी 7-8 महीने की गर्भवती हो गयी | बेटी का पेट देखकर माँ को कुछ शक हुआ तो वो उसे डॉक्टर के पास लेकर गयी तो डॉक्टर ने नाबालिग के पेट में 7-8 माह का गर्भ होने की बात बताई | ये सुनकर माँ के पैरों तले जमीन ख़िसक गयी | माँ ने जब नाबालिग बेटी से इस बारे में पूछा था बेटी ने सौतेले पिता की हैवानियत के बारे में बता दिया जिस पर पीड़िता ने पाली जिले के सिरियारी थाने में 13 जुलाई 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेजा गया।

मंगलवार को पोक्सो कोर्ट संख्या एक पाली के विशिष्ठ न्यायाधीश सचिन गुप्ता ने आरोपी राजसमंद जिले के पीथगुड़ा (देवगढ़) निवासी 29 साल के मोहनसिंह पुत्र भूरसिंह रावणा राजपूत को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सज़ा और 15 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई।

यह जानकारी मिलती है कि पीड़िता की मां का आटा-साटा प्रथा में विवाह हुआ था। उसकी भाभी पीहर जाकर बैठ गई और वही भी अपनी बेटी को साथ लेकर पीहर में परिजनों के कहने पर बैठ गई। बाद में पीड़िता के परिवार के लोगों ने मोहनसिंह से नाता विवाह किया, और नाबालिग बेटी को भी साथ लेकर वह साथ गई थी।

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Thugesh

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