Chhatrapati Shivaji Maharaj: रणनीति और वीरता का संगम
Chhatrapati Shivaji Maharaj: पूरे देश में छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम काफी गर्व से लिया जाता है। वे भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे। छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरगाथा को सब जानते है। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती आज 19 फरवरी को मनाई जा रही है। लोग इस दिन को बड़े खास तरीके से मनाते है। क्योंकि लोग शिवाजी महाराज को आदर्श मानते है।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। इसके लिए उन्होंने मुगल साम्राज्य के शासक औरंगजेब से संघर्ष किया। इन्होने अपने राष्ट्र को मुगलों से बचाने के लिए कई ऐसे कदम उठाए थे। जिस वजह से इतिहास के पन्नों में उनका नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। आज इस पोस्ट में हम आपको “Chhatrapati Shivaji Maharaj” के बारे जानकारी देने वाले है।
Chhatrapati Shivaji Maharaj जयंती
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती हर साल 19 फरवरी को पूरे देश में मनाई जाती है। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर लोग एक दूसरे को संदेशों के जरिए शुभकामनाएं देते हैं। लोग इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाते है। शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के पुणे जिले के जुन्नर नगर में एक मराठा परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम शाहजी भोसले था। उनके पिता अहमदनगर सलतनत में सेनापति थे। और इनकी माता का नाम जीजाबाई था।
उनकी माता जिजाबाई जाधवराव कुल की प्रतिभाशाली महिला थी। शिवाजी महाराज के चरित्र पर माता पिता का बहुत प्रभाव पड़ा। उनका बचपन उनकी माता के मार्गदर्शन में बीता। उनकी माता की रुचि धार्मिक ग्रंथों में थी। इसलिए उन्होंने राजनीति और युद्ध की शिक्षा अपनी माँ से ली थी। उन्होंने सिर्फ 15 वर्ष की उम्र में जान की परवाह किए बिना मुगलों पर आक्रमण किया था।
Chhatrapati Shivaji Maharaj Marriage
छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली शादी सन् 14 मई 1640 में सइबाई निंबाळकर के साथ लाल महल, पुणे में हुआ था। सइबाई निंबाळकर भोसले शिवाजी की पहली और प्रमुख पत्नी थीं। सइबाई निंबाळकर उत्तराधिकारी संभाजी की मां थीं। छत्रपति शिवाजी महाराज शिवाजी ने कुल 8 विवाह किए थे। वैवाहिक राजनीति के जरिए उन्होंने सभी मराठा सरदारों को एक छत्र के नीचे लाने में सफलता प्राप्त की.
Chhatrapati Shivaji Maharaj द्वारा मराठा साम्राज्य की नींव
छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे। जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। इसके बाद इन्होने मुगल सम्राज्य पर आक्रमण किया और मुगल साम्राज्य के शासक औरंगजेब से संघर्ष किया। फिर सन् 1674 में रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था। वह छत्रपति बनें। लेकिन इसके कुछ साल बाद ही एक गंभीर बीमारी शिकार हो गए और 3 अप्रैल 1680 को उनकी मृत्यु हो गई थी। शिवाजी के बाद इनके पुत्र संभाजी ने राज्य का कार्यभार संभाला था।
Chhatrapati Shivaji Maharaj का मुगलों के खिलाफ पहला युद्ध
छत्रपति शिवाजी महाराज ने पहला युद्ध तब लड़ा जब मुगल हिंदुओं के लिए संकट बन चुके थे। तब शिवाजी महाराज ने सिर्फ 15 वर्ष की आयु में हिंदू साम्राज्य को स्थापित करने के लिए पहला आक्रमण किया। छत्रपति शिवाजी महाराज ने बीजापुर पर हमला किया था। और अपनी कुशल रणनीति से गोरिल्ला के युद्ध के जरिए बीजापुर के शासक आदिलशाह को युद्ध में हराकर मौत के घाट उतार दिया था। और साथ ही बीजापुर के चार किलों पर अपना कब्जा कर लिया था।
Chhatrapati Shivaji Maharaj के युद्ध
अब आपको बताते है। छत्रपति शिवाजी महाराज के युद्धों के बारे में शिवाजी महाराज ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण युद्ध लड़े थे। उन्होंने अपने योद्धा और रणनीतिकारी गुणों के साथ अनेक युद्धों में विजय प्राप्त की थी। हम आपको इनके कुछ महत्वपूर्ण युद्धो के बारे में बताते हैं।
- छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1646 में रायगढ़ का युद्ध लड़ा था। इस युद्ध में शिवाजी ने आदिलशाही सल्तानत के जनरल मुल्ला अली को हराया था। और रायगढ़ किले पर अपना कब्जा कर लिया था।
- 1656 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने तंजावुर की लड़ाई लड़ी थी। जिसमे उन्होंने तंजावुर को जीतकर मराठा साम्राज्य का विस्तार किया था।
- छत्रपति शिवाजी महाराज ने तोरणा का युद्ध 1647 में लड़ा और शिवाजी ने तोरणा किले को जीतकर अपने स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की थी।
- छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1659 में प्रतापगढ़ का युद्ध लड़ा था। उन्होंने प्रतापगढ़ किले को जीता और आदिलशाही सल्तानत के जनरल अफजल खान को हराया था।
- उन्होंने कल्याण की लड़ाई 1657 में शिवाजी ने कल्याण की लड़ाई लड़ी और विजय प्राप्त की थी। इन्होने अपने राज्य को मजबूती से संभाला था
Chhatrapati Shivaji Maharaj द्वारा महिलाओ को सम्मान
छत्रपति शिवाजी महाराज महिलाओं का बहुत सम्मान करते थे। उनकी माँ ने उनको बहुत अच्छे संस्कार दिए थे। वे महिलाओं के सम्मान के कट्टर समर्थक थे | शिवाजी ने महिलाओं के खिलाफ दृढ़ता से उन पर हुई हिंसा और उत्पीड़न का विरोध किया था | उन्होंने अपने सैनिकों को सख्त निर्देश दे रखे थे। कि छापा मारते वक्त किसी भी महिला को नुकसान नही पहुचना है | यहा तक कि अगर कोई भी सेना में महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करते वक्त पकड़ा गया। तो उसे गंभीर रूप से कठोर दंड दिया जायेगा।
Chhatrapati Shivaji Maharaj की सेना
छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठों की एक पेशेवर सेना का गठन किया था। उन से पहले मराठों की कोई अपनी सेना नही थी | उन्होंने एक औपचारिक सेना का गठन किया था। जहा कई सैनिकों को उनकी सेवाओं के लिए साल भर का भुगतान किया गया था। मराठा सेना कई इकाइयों में विभाजित थी। और हर इकाई में 25 सैनिक थे। हिंदू और मुस्लिम दोनों को बिना किसी भेदभाव के सेना में नियुक्त किया जाता था।
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आज की इस पोस्ट में हमने आपको “Chhatrapati Shivaji Maharaj” के बारे में जानकारी दी है। आशा करते है आपको जानकारी पसंद आई होगी।